भ्रष्ट काँग्रेस व राजद के साथ मिलकर हेमन्त बाबू ने ढाई साल सरकार चलाई।निर्दलीय मधु कोड़ा सरकार का लूट कांड किसी से छुपा नहीं है।विपक्ष को वोट नहीं देने के मेरे कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:-
1.स्थानीय नीति राजद और काँग्रेस से गठबंधन के कारण झामुमो लागू नहीं कर पाई,आगे भी गठबंधन में रहते हुए लागू नहीं कर पायेगी।
2.बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने की संभावना है क्योंकि अनैतिक गठबंधन की सरकार आजतक भ्रष्टाचार मुक्त नहीं रही है।
3.13 जिलों को आदिवासियों के लिए पूर्णतः आरक्षित किया गया है,हेमन्त बाबू या बाबूलाल जी स्वयं आदिवासी होते हुए इन जिलों में गैर आदिवासियों का प्रवेश नियोजन में होने देंगे, ऐसा मानने वाले चमत्कारी बाबाओं के भक्त होंगे।
4.गैर झारखंडियों का राज्य में नियंत्रण की बात करने वालो को ये पता होगा कि राजद बिहार की पार्टी है और काँग्रेस में कहाँ के लोगों का नियंत्रण है।राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन में रहते हुए गैर झारखंडी आपका रोजगार नहीं छीनेंगे,इसकी क्या गारन्टी है?
5.नक्सलवाद,धर्म परिवर्तन, साम्प्रदायिक तनाव में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि इनको समर्थन इन्हीं समुदायों से प्राप्त है।
6.विकास की बात भूल जाइए क्योंकि सब के सब समाजवादी या फिर वामपंथी हैं।
7.सबसे महत्वपूर्ण बिंदु ये है कि कोई भी विपक्षी नेता सबका साथ व सबका विकास की बात नहीं करता है।समुदाय विशेष की राजनीति करने वाले दल विपक्ष में है।
8.झामुमो या झाविमो अपने बल पर सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ें तो शायद जनता इनपर विश्वास कर भी सकती है लेकिन अनैतिक गठबंधन से झारखंड भ्रष्ट प्रदेश में परिवर्तित हो जाएगा।
निष्कर्ष:- उपरोक्त कारणों के कारण विपक्ष को वोट देना निर्रथक है।
कितने स्थानीय लोगों को रोजगार रघुबर सरकार दे पाई है,ये अवश्य एक गंभीर विषय है।रघुवर दास को स्थानीयों के हित में और अधिक कार्य करने की आवश्यकता है। #विकल्पविहीन_झारखंड
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